
बुधवार को हाईकोर्ट द्वारा सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि खराब करने के मामले में दर्ज रिपोर्ट निरस्त क्र दी है और साथ ही प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराने के निर्णय लिया है। हाई कोर्ट के इस निर्णय से सरकार हैरत में है। इसे लेकर बुधवार को दिनभर सियासी गलियारों में खलबली मची रही। दोपहर बाद भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने प्रकरण में सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है।
हाईकोर्ट के साहसी निर्णय के बाद बुधवार का दिन राजधानी में भाजपा के लिए बड़ा हलचल भरा रहा। सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपना अल्मोड़ा जाने का कार्यक्रम स्थागित कर दिया। इसके बाद उनका दिल्ली जाने का कार्यक्रम बना। बताया गया कि विधायक सुरेंद्र सिंह जीना की पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने दिल्ली जा रहे थे। दोपहर में यह कार्यक्रम भी टालना पड़ा। इस खलबली के बीच मुख्यमंत्री की कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के साथ मीटिंग भी हुई। इधर, पहले मीडिया को बताया गया कि सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक इस मामले पर मीडिया से समक्ष होंगे, किन्तु कुछ देर बात यह कार्यक्रम भी रद कर दिया गया।